झाँसी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मण्डलीय इकाई द्वारा सर्वाइकल कैंसर जागरूकता पर केन्द्रित वर्चुअल सेमिनार का शुक्रवार को आयोजन किया गया। वर्चुअल माध्यम से आयोजित सेमिनार में मण्डल के आयुष्मान आरोग्य मन्दिरों पर तैनात कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के ज्ञानवर्धन के लिये ‘सर्वाइकल कैंसर- स्क्रीनिंग एण्ड अवेयरनेस’ विषय पर सेमिनार को सम्बोधित करते हुये एम.एल.बी. मेडिकल कॉलेज की एस.पी.एम. विभाग की सहायक आचार्य डॉ. सुधा शर्मा ने बताया कि एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल 123907 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का पता चलता है और लगभग 77348 महिलाएं इस बीमारी से अपना जीवन गँवा देती हैं।
डॉ. सुधा शर्मा ने बताया कि प्रत्येक वर्ष जनवरी माह को सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य मुख्यत: सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूकता पैदा कर इससे होने वाली मौतों को कम करना है I यदि समय सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों की पहचान हो जाये तो इसका इलाज संभव है। लेकिन लोगों द्वारा इस बीमारी की गंभीरता को बिना समझे शुरुआती दौर में होने वाले लक्षणों को नजरअंदाज किया जाता है, यही कारण है कि यह बीमारी धीरे-धीरे गंभीर रूप ले लेती है।
सत्र के दौरान किये गये प्रेजेंटेशन के माध्यम से उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा इस वर्ष की थीम ‘सर्वाइकल कैंसर को जाने, बचाव व उपचार करें’ तय की गयी है। इस पहल पर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सभी सी.एच.ओ., ए.एन.एम. व अन्य स्वास्थ्य कर्मी इस प्रकार कार्य करें कि आम-जनमानस में सर्वाइकल व अन्य कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़े ताकि वे सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिये प्रत्येक पाँच वर्ष पर जरूरी वी.आई.ए., पेप टेस्ट या एच.पी.वी. डी.एन.ए. टेस्ट कराने के लिए सजग हों।
सेमिनार के दौरान एन.एच.एम. के मंडलीय परियोजना प्रबंधक आनन्द चौबे ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत एन.सी.डी. बीमारियों के उपचार हेतु सभी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर पर्याप्त दवाईयाँ व सी.एच.ओ. के माध्यम से परामर्श सेवाएँ तथा ऑनलाइन ओ.पी.डी. के माध्यम से विशेषज्ञों से परामर्श व उपचार की व्यवस्था की गयी है।
सेमिनार में झाँसी मण्डल के तीनों जिलों के लगभग 200 सी.एच.ओ. ने भाग लिया। सेमिनार का संचालन प्रशान्त कुमार वर्मा, डी.सी.पी.एम., झाँसी ने किया। सेमिनार में सी.एच.ओ. द्वारा उपचार की व्यवस्थाओं के बारे में अनेक प्रश्न पूछे गये जिनका विषय विशेषज्ञ द्वारा उत्तर दिया गया। सेमिनार में सी.एच.ओ. रवीना विजयन, लक्ष्मी सिंह, महेश चन्द्र शर्मा, मीना राठौर, अमन पटेल आदि ने प्रश्नों के माध्यम से सत्र में भाग लिया।
सर्वाइकल कैंसर से पहचान एवं बचाव से संबंधित बातें –
• 9-14 वर्ष की सभी बालिकाओं को एच.पी.वी. वैक्सीन अवश्य लगी हों।
• प्रत्येक महिला पाँच वर्ष में एक बार वी.आई.ए., पेप टेस्ट या एच.पी.वी. डी.एन.ए. टेस्ट कराएं।
• भूख न लगना, वजन गिरना एवं थकान बने रहना।
• पेडू, कमर एवं पैरों में दर्द एवं सूजन रहना।
• योनि से अत्यधिक रक्तस्त्राव।