झांसी। नगर क्षेत्र झांसी क्षेत्र में भवनों को कर के दायरे में लाने के लिए विगत दो-वर्षों से जीआईएस सर्वे कराया जा रहा है। मेसर्स आईटीआई लिमिटेड द्वारा सर्वे का कार्य किया गया है, जिसमें 1,26,653 नये भवन प्राप्त हुए है, जिन पर अभी तक कोई गृहकर नही लगा था। पूर्व से दर्ज चले आ रहे भवनों में 48,055 भवनों के सापेक्ष कर में 25 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
नगर आयुक्त सत्य प्रकाश अनुसार सर्वे में जो डाटा प्राप्त हुआ है, उसको नगर के विभिन्न वार्डो में सार्वजनिक भवनों पर प्रदर्शित/चस्पा किया जायेगा। इसी के साथ नगर निगम झांसी की वेबसाइट पर भी प्रदर्शित कर दिया गया है। जनता इस डाटा में अपना नाम देख सकती है और यदि कोई आपत्ति हो तो नियत अवधि में प्रस्तुत कर सकती है।
नगर निगम को नये भवनो से 7.98 करोड़ रुपये तथा 25 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रफल बढ़ने वाले वाले भवनों से 6.36 करोड़ रुपये के नये अतिरिक्त गृहकर स्रोत सृजित हुए है। पूर्व से दर्ज भवनों एवं सर्वे में प्राप्त नये भवनों से वित्तीय वर्ष 2023-24 में 32.49 करोड़ गृहकर प्राप्त हुआ है जो कि विगत वर्ष 2022-23 से 9.37 करोड़ रुपये अधिक है।
नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी धीरेन्द्र मोहन कटियार द्वारा यह जानकारी दी गयी है कि सर्वे कम्पनी द्वारा भवनों पर नम्बर प्लेट लगायी जायेगी। इस पर आरएफआईजी कोड भी दर्शित होगा। इस कोड को गृहस्वामी स्कैन कर घर बैठे ऑनलाइन अपना गृह कर जमा कर सकेगा। इसी के साथ बेस मैप तैयार करते हुए प्रत्येक भवन को ऑनलाइन किया जायेगा, जिससे जनता ऑनलाइन भुगतान कर सकती है एवं अपने भवन का विवरण भी देख सकती है। इस सर्वे डाटा का दूसरा लाभ यह होगा कि जल संस्थान इस डाटा के आधार पर अपना जल शुल्क भी पुनरीक्षित कर सकेगा, जिससे अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होगी।
जीआईएस सर्वे से लगभग शत प्रतिशत कराच्छादन सम्भव होगा। खाली प्लाटों पर कर निर्धारण होने से भूखण्ड स्वामी को विकास प्राधिकरण से मानचित्र पारित करवाने में आसानी होगी क्योंकि विकास प्राधिकरण की ओर से अनापत्ति मांगी जाती है और नगर निगम में भूखण्ड़ का रिकॉर्ड अपडेट रहने से अनापत्ति सरलता से दी जा सकेगी। जीआईएस सर्वे के उपरान्त उक्त प्लाटों पर कर निर्धारित हो जाने से नगर निगम को राजस्व की प्राप्ति होगी, जिससे विकास कार्य कराये जा सकेगें और जनता विकास कार्यों से लाभान्वित होगी।