झांसी। कृषि विज्ञान संस्थान में दिनांक 6.8.2024 को निदेशक प्रोफेसर आरके सैनी की अध्यक्षता में एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं उद्यमिता जागरूक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आरके सैनी ने प्रशिक्षार्थियों से आवाहन करते हुए मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों, निदेशक एवं सहायक निदेशक, एमएसएमई भारत सरकार कानपुर एवं विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण में दी गई जानकारी को अंगीकार करते हुए अपने उद्योग स्थापित करने पर बल दिया और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम में प्रशिक्षण एवं जागरूकता विकास क्रियाविधि से तकनीक विधाओं में वृद्धि एवं पूर्णता आने के साथ-साथ क्वालिटी प्रोडक्शन होता है एवं नुकसान की संभावना कम से कम होती है।
कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम कोऑर्डिनेटर डॉक्टर सत्यवीर सिंह ने कृषि विज्ञान संस्थान बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार, कानपुर के बीच संबंध स्थपित कर एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं उद्यमिता जागरुक कार्यक्रम आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए सभी प्रतिभागियों से नए उद्यम स्थापित करने, प्रशिक्षण प्राप्त करने, वित्तीय एवम तकनीकी सहायता लेने, जमीन संबंधी एलॉटमेंट आदि औपचारिकताओं की जानकारी देते हुए प्रतिभागियों को स्नातक और परास्नातक उपाधि के बाद अपना नया उद्यम स्थापित करने की ओर अग्रसर होने के लिए आवाहन किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ बी के वर्मा निदेशक एमएसएमई भारत सरकार कानपुर ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए एमएसएमई पोर्टल के विषय में विस्तार से चर्चा करते हुए उसको नए उद्योग उद्योग स्थापित करने की दिशा में एक कारगर कदम बताया। उद्यम संबंधी समस्त जानकारी ऑनलाइन माध्यम से पोर्टल की वेबसाइट पर उपलब्ध होने, भारत सरकार की अधिक से अधिक योजनाओं का लाभ उठाकर लघु सीमांत एवं मध्यम उद्यम स्थापित करने हेतु जोर दिया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉक्टर एस के अग्निहोत्री वरिष्ठ सहायक निदेशक, एमएसएमई, भारत सरकार ने नए उद्यम स्थापित करने हेतु समस्त प्रकार की आवश्यक औपचारिकताओं जैसे फॉर्म उपलब्धता, ऑनलाइन डॉक्यूमेंटेशन, वेबसाइट का उपयोग, बैंक की सहायता एवं आनलाइन आवेदन, बैलेंस शीट, तकनीकि प्रशिक्षण सहित तमाम जानकारी दी।
नए उद्योग स्थापित करने की दिशा में आने वाली समस्याओं के निराकरण के लिए हर समय उपलब्ध रहने के विषय में भी बताया। कार्यक्रम में विशेष रूप से प्रबंधन करते हुए सहायक निदेशक के पी शील, सहायक निदेशक, एमएसएमई कानपुर द्वारा प्रशिक्षणर्थियों को उद्यम से संबंधित बेसिक जानकारी देते हुए भारत सरकार की लघु एवं सीमांत क्षेत्र सहित अन्य उद्योग स्थापित करने हेतु प्रशिक्षणार्थियों को आने पर बल दिया। साथ ही सरकार में नौकरी पाने की वनिस्पत नौकरी देने के लिए युवाओं का आवाहन किया। झांसी जैसे पिछड़े बुंदेलखंड क्षेत्र में मिनिस्ट्री आफ माइक्रो स्मॉल एवं मध्यम उद्यम के लिए सबसे उपयुक्त आमदनी का साधन हो सकता है, जिससे संबंधित लोगों की आय में बढ़ोतरी के साथ-साथ रोजगार सृजन के भी अवसर पैदा होने, बेरोजगारी को दूर करने और प्रतिभागियों सहित आमदनी के बढ़ोतरी की दिशा में विशेष चर्चा की।
इसके साथ ही बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान से समन्वय स्थापित कर एक दिवसीय प्रशिक्षण की रूपरेखा तैयार करते हुए उद्यमिता जागरुक एवं विकास कार्यक्रम संपन्न कराया। कार्यक्रम में विशेष रूप से सहयोगी डॉ अवनीश कुमार, डॉक्टर हरपाल सिंह, डॉक्टर संतोष पांडे, डॉक्टर अभिषेक चौधरी, डॉक्टर अजय सिंह, डॉक्टर प्रदीप बरेलिया, डॉ दिलीप गुप्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ सत्यवीर सिंह कॉर्डिनेटर ने किया। समापन पूर्व डॉ सन्तोष पांडे ने सभी अतिथियों, अधिकारियों, प्रशिक्षणाथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में 106 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें अंकित, अभिजीत, प्रिंस, अस्मिता, आस्था, विकास, संदीप मनीष आदि मौजूद रहे।