झांसी। योगी सरकार महाकुंभ प्रयागराज 2025 के अंतर्गत प्री कुम्भ के अवसर पर झांसी जनपद में 14 से 28 अक्टूबर 2024 तक राई लोकनृत्य की कार्यशाला आयोजित कराएगी। इस कार्यशाला का आयोजन आर्यकन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय झांसी में किया जाएगा। कार्यशाला से जुड़ी विभिन्न व्यवस्थाओं का सुचारू ढंग से प्रबन्ध करने और कार्यशाला को भव्य व व्यापक बनाने के लिए संस्कृति निदेशालय उत्तर प्रदेश ने झांसी के संस्कृतिकर्मी देवराज चतुर्वेदी को कार्यशाला का समन्वयक बनाया है।
देवराज चतुर्वेदी बुंदेली लोककला और रंगमंच के क्षेत्र में काफी समय से सक्रिय रहे हैं। बुंदेली फिल्म एक हसीन इत्तेफाक में काम किया, जिसे दूरदर्शन पर प्रदर्शित किया गया। गोवा कला अकादमी से अभिनय और निर्देशन का कोर्स करने के बाद झांसी आकर संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित नाट्य समारोह में राजा की मोहर, लाला हरदौल और टेसू नाटक किये। टेसू नाटक को शाहजहांपुर ले गए। इसके बाद 2012 में संस्कृति विभाग के सौजन्य से लोकलय कार्यक्रम किया और बुंदेली कलाकारों को लेकर लखनऊ में बुंदेली उत्सव में भाग लिया। बुंदेली राई और ढिमरियाई नृत्य भारतेंदु नाट्य अकादमी में प्रस्तुत किया। बैटन क्वीन रिले में बरेली में राई नृत्य का प्रदर्शन करवाय। बिल्हौर महोत्सव में बुंदेली नृत्य का कार्यक्रम किया। वर्ष 2023 में आयोजित हुए भए प्रगट कृपाला श्रीराम जन्मोत्सव में देवराज को झांसी का समन्वयक बनाया गया था।
कार्यशाला समन्वयक बनाये गए देवराज चतुर्वेदी ने बताया कि आर्य कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 15 दिन की प्रस्तुतिपरक कार्यशाला आयोजित की जाएगी और इसके बाद इसका प्रदर्शन किया जाएगा। झांसी की कलाकार वंदना कुशवाहा और उनके साथी कलाकारों द्वारा झांसी के विद्यालयों की 50 से अधिक छात्राओं को राई और ढिमरयाई नृत्य की बारीकियों को सिखाया जाएगा और इसके बाद उनके कार्यक्रम की प्रस्तुति की जाएगी।