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महाकुंभ प्रयागराज के अंतर्गत झांसी में चल रही राई लोकनृत्य की कार्यशाला का समापन

झांसी। महाकुम्भ प्रयागराज और मिशन शक्ति के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग और आर्य कन्या पीजी कॉलेज झांसी के संयुक्त तत्वावधान में 14 से 28 अक्टूबर तक चल रही पंद्रह दिनों की राई लोकनृत्य की प्रस्तुतिपरक कार्यशाला का सोमवार को समापन हो गया। कार्यकम में 50 छात्राओं ने राई लोकनृत्य का प्रशिक्षण प्राप्त किया।

आर्य कन्या पीजी कॉलेज परिसर में आयोजित समापन समारोह के अवसर पर कार्यशाला में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्राओं ने राई लोकनृत्य का रंगारंग प्रदर्शन कर अपना हुनर दिखाया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन और सरस्वती वंदना से हुई। पायल और रूबा ने राम रक्षा स्त्रोत की प्रस्तुति की। कार्यक्रम में राई लोकनृत्य का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्राओं ने भव्य और रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति की। इस अवसर पर छात्राओं को उपहार देकर सम्मानित किया गया। प्रशिक्षण टीम के सदस्यों को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजकीय संग्रहालय झांसी के उप निदेशक मनोज कुमार गौतम ने अपने संबोधन में कहा कि प्रशिक्षिका वंदना कुशवाहा और उनके सहयोगियों ने पन्द्रह दिनों में छात्राओं को राई नृत्य की बारीकियां सिखाई। ऐसे आयोजन हमें सभ्य नागरिक बनने की प्रेरणा देने हैं। झांसी के लोगों को ऐसे आयोजन का लाभ मिलेगा।

कॉलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष डॉ के जी द्विवेदी ने कहा कि बुन्देलखण्ड की यह लोक नृत्य की विधा खत्म होने की कगार पर है। सरकार ने इसको संरक्षण देने और महाकुंभ में प्रदर्शन करने के लिए सराहनीय पहल किया है।

पर्यटन विशेषज्ञ प्रदीप तिवारी ने कहा कि महाकुंभ में जब इस कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जाएगी, तब हम सब इसके साक्षी बनेंगे। प्रशिक्षिका ने मेहनत से छात्राओं को प्रशिक्षण दिया है।

प्राचार्य प्रोफेसर अलका नायक ने कहा कि संस्कृति विभाग ने अपने कार्यक्रम के लिए आर्य कन्या पीजी कॉलेज को चुना, इसके लिए हम कॉलेज की ओर से धन्यवाद देते हैं।
 
मुख्य अतिथि अपर आयुक्त न्याय प्रियंका ने अपने सम्बोधन में कहा कि राई की कार्यशाला का संस्कृति विभाग ने सराहनीय आयोजन किया है। मुझे पहली बार राई लोकनृत्य देखने को मिला है। सभी कलाकारों की ऊर्जा मंच पर देखने को मिली है। स्कूल की लड़कियों ने जो प्रस्तुति की, वैसा कोरियोग्राफर भी नहीं कर पाते हैं। महाकुंभ में इसकी प्रस्तुति होने से राई लोकनृत्य को बढ़ावा मिलेगा और हम गौरवान्वित महसूस करेंगे। प्रशिक्षिका वंदना कुशवाहा ने काफी मेहनत से प्रशिक्षण दिया है। शासन, प्रशासन और संस्कृति विभाग राई लोकनृत्य को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करेंगे।

अध्यक्षता कर रहे समाजसेवी संदीप सरावगी ने कहा कि संस्कृति विभाग ने छात्राओं को मंच दिया। हमारी बेटियां कुछ भी कर सकती हैं। वीरांगना लक्ष्मीबाई ने इतना नाम कर दिया कि पूरी दुनिया मे झांसी का नाम लेते ही उनका नाम लिया जाता है। छात्राओं ने अपने हुनर से झांसी का नाम गौरवान्वित करने का काम किया है। जिन छात्राओं ने यहां प्रदर्शन किया, उन सभी को भविष्य की शुभकामनाएं देते हैं। 

कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक वंदना कुशवाहा, संस्कृति विभाग लखनऊ से आये प्रतिनिधि मनोज सक्सेना, कार्यक्रम समन्वयक देवराज चतुर्वेदी, संजय राष्ट्रवादी, डॉ नीति शास्त्री, प्रदीप तिवारी सहित महाविद्यालय की शिक्षिकाएं और छात्राएं उपस्थित रहीं।

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