झांसी। महाकुंभ प्रयागराज 2025 एवं मिशन शक्ति के अंतर्गत आर्य कन्या महाविद्यालय में चल रही कार्यशाला का गुरुवार को चौथा दिन संपन्न हुआ। कार्यशाला में 40 बालिकाएं सम्मिलित रही। अन्य विद्यालयों की छात्राओं ने भी इस नृत्य में रुचि दिखाई है। प्रशिक्षिका वंदना कुशवाहा द्वारा बालिकाओं को कमर मे ढोलक बांधकर के एक नर्तक की भूमिका को बहुत खूबसूरत ढंग से निभाना सिखाया गया क्योंकि नर्तक की भूमिका राई नृत्य में बहुत विशेष होती है! नर्तक अपने ढोलक की थाप से नृत्यांगनाओं के साथ नृत्य करता है। नृत्यांगना उसके साथ आसपास घूम-घूम करके राई की तरह बिखर करके नृत्य प्रस्तुत करती हैं। कार्यशाला में बुंदेली संस्थान की निशा दास और शिवानी श्रीवास भी बालिकाओं को प्रशिक्षित करने में अपना योगदान दे रहे हैं। साथ ही महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अलका नायक व महाविद्यालय की अध्यापिकाएं भी साथ रही। कार्यशाला समन्वयक देवराज चतुर्वेदी ने बताया कि बालिकाएं लोक नृत्य राई सीखने में बहुत मेहनत कर रही है।